

Harappa - Hindi by Daya Ram Sahni
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Description
हरप्पा (Harappa) सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) का एक प्रमुख नगर था, जो लगभग 2600-1900 ईसा पूर्व के बीच अस्तित्व में था। यह वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। हड़प्पा को पहली बार 1920 के दशक में पुरातात्विक रूप से खोजा गया था, और तब से यह स्थल सभ्यता के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। हरप्पा की विशेषताएँ: शहर की योजना: हरप्पा शहर की योजना बहुत ही व्यवस्थित थी। यहाँ की सड़कों और गलियों को ग्रिड पैटर्न में बसाया गया था, और घरों को एक निश्चित ढंग से बनाया गया था। वास्तुकला: हरप्पा में पक्की ईंटों का उपयोग करके बने घर, स्नानघर, नालियाँ, और कुएं पाए गए हैं। यहाँ की इमारतों की निर्माण शैली बहुत उन्नत थी। व्यापार और अर्थव्यवस्था: हरप्पा के निवासियों का व्यापारिक जीवन बहुत ही समृद्ध था। वे कई प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन और व्यापार करते थे, जिनमें मनके, मुहरें, मिट्टी के बर्तन और धातु के सामान शामिल थे। लिपि और लेखन: हरप्पा सभ्यता की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनकी लिपि है, जिसे आज तक पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है। यह लिपि विभिन्न प्रकार की मुहरों और बर्तनों पर पाई गई है। धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन: हरप्पा के लोग विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में संलग्न रहते थे। उनके पास विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ और प्रतीक थे, जो उनकी धार्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं। कृषि और खाद्य उत्पादन: हरप्पा के निवासी कृषि पर आधारित जीवन यापन करते थे। वे गेहूं, जौ, कपास, और अन्य फसलों की खेती करते थे। हरप्पा का महत्व केवल इसके पुरातात्विक अवशेषों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप की सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास को भी उजागर करता है। यह स्थल इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए एक बहुमूल्य स्रोत है, जो प्राचीन सभ्यताओं के विकास और उनके जीवन शैली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।